राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष तो बन गए, लेकिन यह राजमुकुट कांटों से भरा है. सवाल यह है कि क्या राजनाथ सिंह अपने फैसले नरेंद्र मोदी पर लागू करा पाएंगे, क्या आडवाणी एवं उनके नज़दीकी नेता राजनाथ सिंह को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का मौक़ा देंगे? पार्टी में हर राज्य में विद्रोह हो रहा है, क्या राजनाथ सिंह उन राज्यों में चल रही उठापटक ख़त्म कर पाएंगे? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि राजनाथ सिंह
Read Continue…
देश का प्रजातंत्र खतरे में है. देश चलाने वालों ने झूठ बोलने, धोखा देने और मर्यादाओं को लांघने को ही राजनीति समझ लिया है. नतीजा यह हुआ कि संसद में नेता झूठ बोलने लगे हैं और सदन में सर्वसम्मति बनाकर जनता के साथ धोखा किया जाने लगा है. सरकार ऐसी-ऐसी नीतियां बना रही है, जिससे सा़फ ज़ाहिर होता है कि संविधान को ही ताक़ पर रख दिया गया है. इस बात से कौन इंकार कर सकता है कि भारत को
Read Continue…
बलात्कार की शर्मनाक घटना के अगले दिन जेएनयू के छात्र-छात्राओं ने दिल्ली के मुनीरका में रास्ता जाम किया तो किसी को नहीं लगा कि यह आंदोलन की शक्ल लेकर पूरे देश को हिला देगा. सरकार से इस घटना को समझने में चूक हुई. सरकार को लगा कि यह बलात्कार की छोटी घटना है, सब कुछ शांत हो जाएगा. न प्रधानमंत्री सामने आए, न गृहमंत्री सामने आए और न कोई आश्वासन मिला. एक बार लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर जबरदस्त
Read Continue…
अगर कोई अ़खबार या संपादक किसी के ड्राइंगरूम में ताकने-झांकने लग जाए और गलत एवं काल्पनिक कहानियां प्रकाशित करना शुरू कर दे तो ऐसी पत्रकारिता को कायरतापूर्ण पत्रकारिता ही कहेंगे. हाल में इंडियन एक्सप्रेस ने एक स्टोरी प्रकाशित की थी, जिसका शीर्षक था, सीक्रेट लोकेशन. यह इस अ़खबार में प्रकाशित होने वाले नियमित कॉलम डेल्ही कॉन्फिडेंशियल का एक हिस्सा थी. इस स्टोरी को पढ़कर कोई आदमी यही निष्कर्ष निकालेगा कि वी के सिंह और अन्ना हजारे, जो पारदर्शिता के स्वघोषित
Read Continue…
क्या इस देश की सेना पर हथियारों के दलालों का कब्जा हो गया है? जो लोग देश के साथ गद्दारी करते हैं, उन्हें ईनाम और जो लोग जान देने के लिए तत्पर हैं, उनके साथ अन्याय! क्या ऐसे ही देश चलेगा? आज हम भारतीय सेना के एक ऐसे राज से पर्दा उठाएंगे, जिसे जानकर आपको हैरानी होगी. आज हम सेना में छुपे गुनहगारों और मीडिया के नेक्सस का पर्दाफाश करेंगे. हम आपको बताएंगे किस तरह इंडियन एक्सप्रेस अ़खबार का एक
Read Continue…
देश की संपत्ति का एक बड़ा भाग केवल सौ घरानों के हाथ में है और दूसरी तऱफ देश की 70 प्रतिशत जनसंख्या 20 रुपये प्रतिदिन से भी कम पर गुज़ारा करती है. सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से ग़रीबों के हाथ से पैसा निकल कर अमीरों के हाथ में जा रहा है. कुछ चंद लोगों के हाथों में इतनी अपार संपत्ति आई कैसे? भारतीय राजनीति का एक शर्मनाक पहलू यह है कि देश के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों की
Read Continue…
भारत भी अजीब देश है. यहां कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें फायदा पहुंचाने के लिए सरकार सारे दरवाज़े खोल देती है. कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें लाभ पहुंचाने के लिए नियम-क़ानून भी बदल दिए जाते हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके हितों की रक्षा सरकारी तंत्र स्वयं ही कर देता है, मतलब यह कि किसी को कानोंकान खबर तक नहीं होती और उन्हें बिना शोर-शराबे के फायदा पहुंचा दिया जाता है. और कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें फायदा मिलना
Read Continue…
अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने अगले चुनाव की कमान राहुल गांधी को सौंप दी है. राहुल गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव की समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया है. राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, यह बात पहले से ही तय है. इसमें कोई नई बात नहीं है. इस समिति में वही पुराने चेहरे हैं, जो अब तक कांग्रेस की रणनीति बनाते आए हैं. इसलिए कुछ नया होगा, इसकी उम्मीद नहीं
Read Continue…
यूपीए सरकार की भी दास्तां अजीब है. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि दाल में कुछ काला है तो सरकार कहती है कि यही सरकार की नीति है. सीएजी जब कहती है कि घोटाला हुआ है तो सरकार के मंत्री कहते हैं कि सब कुछ नियमों के मुताबिक हुआ और यह जीरो लॉस है. देश के संसाधन लुट जाते हैं. निजी कंपनियां पैसे कमा लेती हैं. मीडिया छाती पीटता रह जाता है और सरकार के मंत्री टीवी पर मुस्कुराते हुए कहते
Read Continue…
दो साल पहले तक जयप्रकाश आंदोलन और भ्रष्टाचार के खिला़फ वी पी सिंह के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोग भी यह कहते थे कि जमाना बदल गया है, अब देश में कुछ नहीं हो सकता. आज के युवा आंदोलन नहीं कर सकते. देश में अब कोई भी आंदोलन संभव नहीं है. देश के बड़े-बड़े राजनीतिक दलों को यह लगा कि देश की जनता अफीम पीकर सो चुकी है और उनकी मनमानी पर अब कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं है.
Read Continue…