रक्षा मंत्रालय और सेना की सबसे बड़ी चूक

sena ki sabse badi chook

राजनीति करना और शासन कला में माहिर होना दो अलग-अलग चीजें हैं. राजनीति जहां जन-समर्थन हासिल करने का कौशल है, वहीं शासन कला देश को सुरक्षित रखने का. जो राजनेता इस अंतर को समझते हैं, वे नादानी नहीं करते, उनसे ग़लतियां नहीं होतीं. हालांकि, अनुभवहीनता की वजह से बड़े-बड़े राजनेता कभी-कभी अति उत्साह वश कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिसके भविष्य में विपरीत नतीजे देखने को मिलते हैं. ऐसी ही एक ग़लती भारत सरकार ने म्यांमार में किए गए जवाबी

ललित मोदी प्रकरण : भाजपा के अंदर मचे शीतयुद्ध का नतीजा है

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ललित मोदी प्रकरण से मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की छवि खराब हुई है. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि ललित मोदी पर इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) को लेकर कई आरोप हैं. उन पर पैसों की हेराफेरी करने का आरोप है. यह बात भी छिपी नहीं है कि कांग्रेस, भाजपा और अन्य पार्टियों के  बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके रिश्ते ललित मोदी के  साथ रहे हैं. ललित मोदी के  ख़िलाफ जो आरोप लगे वो कांग्रेस सरकार द्वारा

ऐसे लोकायुक्तों से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा

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जब अन्ना हजारे लोकपाल और लोकायुक्त के लिए आंदोलन कर रहे थे, तो कई लोगों को लगता था कि लोकपाल और लोकायुक्त बनते ही देश में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. आज भी कई लोग इन संस्थानों की मांग को लेकर ज़मीन-आसमान एक करने पर तुले हैं. लेकिन, पिछले कुछ समय से जिस तरह की खबरें आ रही हैं, वे लोकपाल और लोकायुक्त के लिए संघर्ष करने वालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं हैं. जब अन्ना हजारे दिल्ली में

राहुल गांधी की राजनीति और रणनीति बदल गई है

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कांग्रेस पार्टी बदली-बदली सी नज़र आ रही है. राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी में नई ऊर्जा भरने में सफल साबित हो रहे हैं. राहुल गांधी की छवि अब एक अनिच्छुक नेता की नहीं रही, बल्कि वह एक सक्रिय नेता बनकर उभर रहे हैं. राहुल गांधी की रणनीति सा़फ है. इस रणनीति के दो पहलू हैं. पहला यह कि भारतीय जनता पार्टी को अमीरों और कॉरपोरेट्‌स को फायदा पहुंचाने वाली पार्टी के रूप में पेश करना है. दूसरा यह कि कांग्रेस पार्टी

आधार कार्ड योजना : सरकार देश को भ्रमित कर रही है

जदयू सांसद केसी त्यागी ने आधार कार्ड योजना से होने वाले खतरे पर सरकार से सवाल पूछे. इन सवालों पर सरकार की ओर से मिले जवाब भ्रमित करने वाले हैं. सरकार की तऱफ से योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह ने अपने पत्र में उन्हीं दलीलों को दोहराया है, जो पिछले कई सालों से कांग्रेस सरकार देती रही. सरकार ने अपने जवाब में लिखा कि आधार कार्ड योजना सरकारी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए शुरू की

संघर्ष से बना गीतकार शब्बीर अहमद

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कहते हैं मुंबई सपनों का शहर है, यदि आपके इरादे मजबूत हैं और आपमें कुछ कर गुजरने का जुनून है, तो आप यहां अपने सपनों साकार कर सकते हैं. ऐसे में यदि कोई आपके सपनों को परवाज देने वाला मिल जाये तो सोने पे सुहागा है. कुछ ऐसी ही कहानी है युवा गीतकार शब्बीर अहमद की. उनके साथ चौथी दुनिया के संपादक समन्वय मनीष कुमार से हृुई बातचीत के मुख्य अंश… फिलहाल आप कौन-कौन सी फिल्मों के लिए गीत लिख रहेे हैं? अभी काफी

शानदार सलीम खान के बेटे हैं सलमान खान

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सलमान खान की शख्सियत भी अजीबो-गरीब है. सबकी मदद करने वाला शख्स हमेशा गलत वजहों से मीडिया की सुर्खियों नजर आता है. फिल्मी दुनिया के लोगों से सलमान के बारे में पूछा जाये तो शायद ही कोई मिले जो उनकी शिकायत करे. हर शख्स यही कहता है कि वह तो मुसीबत में घिरे लोगों के लिए एक मसीहा हैं. सलीम ख़ान रोज अपने घर पर डॉक्टरों के साथ बैठते हैं. उनके पास 6-7 डॉक्टरों की एक टीम है. हर दिन

आधार कार्ड खतरनाक है

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क्या अब इस देश में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कोई महत्व नहीं रह गया है? यह देश कैसे चलाया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यह आदेश दिया कि आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से सभी प्रमुख सचिवों को पत्र लिखने के लिए भी कहा, ताकि किसी भी क़ीमत पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना न हो. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि इस आदेश को नज़रअंदाज़

भाजपा का विकल्प जनता परिवार है

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भारत की राजनीति एक नाजुक मोड़ पर है. देश के प्रजातांत्रिक विकास और देश में प्रजातंत्र के भविष्य की दिशा-दशा तय होने का वक्त है. यह मोड़ नाजुक इसलिए है, क्योंकि यह तय होना है कि भविष्य में सत्ता के लिए कौन-कौन सी शक्तियां आपस में मुकाबला करेंगी, इन शक्तियों का प्रारूप क्या होगा? वे कौन लोग होंगे, जो देश को नेतृत्व देंगे? यह तय होना है कि क्या भारत की राजनीति में विचारधारा का महत्व रहेगा या नहीं? इन

पहले किसानों, मज़दूरों और गरीबों की बात हो

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केएन गोविंदाचार्य को इस देश में भला कौन नहीं जानता. प्रसिद्ध चिंतक-विचारक, आरएसएस के पूर्व प्रचारक और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महासचिव गोविंदाचार्य एक स्थायी क्रांतिकारी हैं. जेपी आंदोलन हो, गंगा बचाओ आंदोलन हो, स्वदेशी आंदोलन हो या फिर अन्ना हजारे के नेतृत्व में चल रहा भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन हो, गोविंदाचार्य हर जगह नज़र आए. पिछले दिनों चौथी दुनिया के संपादक समन्वय मनीष कुमार ने उनसे एक लंबी बातचीत की. पेश है, उसके प्रमुख अंश… आरएसएस और भाजपा के साथ आपके क्या